क़दम क़दम पर साथ हो तुम मैं तुमको नमन करता हूँ।
जब तक साँस रहे तन में करवा तुम्हारा आगे बढ़ाता हूँ
आस्था संविधान से, वास्ता संविधान से इस जीवन को महकाने का
हर एक रास्ता भी तुम्हीं से बाबा साहब इस जीवन जीने लायक बनाने का।
कल तुम थे तो आज हम है ,
विजय कुमार बौद्ध
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